वाक्य-क्रम व्यवस्थापन से सम्बन्धित वस्तुनिष्ठ प्रश्र-उत्तर


वाक्य-क्रम व्यवस्थापन से सम्बन्धित वस्तुनिष्ठ प्रश्र-उत्तर

1. (1) सामान्य व्यक्ति
(य) तो असीम सुख और सन्तोष का
(र) अपने प्रेम की सीमा रेखा अपने परिवार
(ल) लेकिन यदि इसका क्षेत्र और व्यापक किया जा सके
(व) प्रियजन व मित्रों तक सीमित रखते हैं

(6) आनन्द प्राप्त हो सकता हैं।
(A) ल व र य
(B) र व य ल
(C) व य र ल
(D) य र ल व
उत्तर- (B)

2. (1) भारत की लोकतान्त्रिक
(य) केन्द्रीय तथा राज्य
(र) व्यवस्था केवल
(ल) सरकारों तक ही
(व) सीमित नहीं हैं

(6) स्थानीय स्तर पर भी वह लोकतान्त्रिक है।
(A) र य ल व
(B) ल र व य
(C) य र ल व
(D) व र ल य
उत्तर- (A)

3. (1) भरतनाट्मय नर्तकी का श्रृंगार
(य) की जाती है कि उसका रूप
(र) सूक्ष्मता व चतुरता से
(ल) लावण्य व आकर्षण अपने
(व) व साज-सज्जा उतनी सावधानी

(6) चरम सौन्दर्य पर पहुँच जाता है।
(A) र य ल व
(B) ल र व य
(C) य र ल व
(D) व र ल य
उत्तर- (A)

4. (1) पौराणिक दृष्टान्त के अनुसार
(य) कदाचित इसलिए वैष्णव भक्तों ने
(र) भगवान विष्णु ने लोगों को
(ल) मोहिनी का रूप धारण किया था
(व) आकृष्ट करने के लिए

(6) इस नृत्य-नाटिका को 'मोहिनीअटट्म्' की संज्ञा से विभूषित किया।
(A) य र ल व
(B) र व ल य
(C) ल व य र
(D) र य व ल
उत्तर- (B)

5. (1) क्रोध से मूढ़ता
(य) भ्रम से बुद्धि का नाश होता है
(र) स्मृति में भ्रम होता है
(ल) उत्पन्न होती है, मूढ़ता से
(व) और बुद्धि नष्ट होने से

(6) प्राणी स्वयं नष्ट हो जाता है।
(A) व ल र य
(B) र ल व य
(C) ल र य व
(D) य र ल व
उत्तर- (C)

6.(1) बुद्धिमान के पास थोड़ा-सा धना
(य) बढ़ता रहता है
(र) हो तो वह भी
(ल) काम करते हुए संयम के द्वारा
(व) वह दक्षतापूर्वक

(6) सर्वत्र प्रतिष्ठा प्राप्त कर लेता हैं।
(A) र य व ल
(B) य र ल व
(C) ल व र य
(D) व य ल र
उत्तर- (A)

7. (1) पुरुषार्थ उसी में हैं
(य) जो संकट
(र) निर्णय लेने
(ल) की घड़ी में
(व) में कोई

(6) संकोच नहीं करता
(A) य र ल व
(B) य ल र व
(C) ल व र य
(D) व र ल य
उत्तर- (B)

8. (1) मानव जीवन का उद्देश्य
(य) उपाय पारमार्थिक भाव से
(र) और उसकी सिद्धि का
(ल) आत्मदर्शन है
(व) मुख्य एवं एकमात्र

(6) जीव मात्र की सेवा करना है।
(A) ल र व य
(B) र य ल व
(C) व ल र य
(D) य र ल व
उत्तर- (A)

9. (1) आण्विक अस्त्रों के विरोध में
(य) उद्घाटन करते हुए राजेन्द्र बाबू ने भारत को
(र) अपनी सेनाएँ विघटित कर दे तो
(ल) यह सुझाव दिया था कि यह देश
(व) दिल्ली में जो सार्वभौम समारोह हुआ था, उसका

(6) इससे संसार को एक नया रास्ता मिल सकता हैं।
(A) र व य ल
(B) ल य र व
(C) व य ल र
(D) य ल व र
उत्तर- (C)

10. (1) आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
(य) और नवयुग की चेतना लेकर निबन्ध के
(र) एवं विचारात्मक कोटियों में रखे जा सकते हैं जो
(ल) प्राचीन सांस्कृतिक परम्परा का गम्भीर ज्ञान

(व) क्षेत्र में अवतरित हुए तथा इनके निबन्ध भावात्मक

(6) इनके व्यक्तित्व की छाप लिए हुए हैं।
(A) व र ल य
(B) य र ल व
(C) र व य ल
(D) ल य व र
उत्तर- (D)